छत्रपति शिवाजी महाराज भारतीय इतिहास के सबसे प्रसिद्ध योद्धाओं और राजाओं में से एक माने जाते हैं। इनका जन्म 19 फरवरी 1630 को शिवनेरी किले में हुआ था। वहीं, हर साल की तरह इस साल भी 19 फरवरी को देशभर छत्रपति शिवाजी धुमधाम से मनाई गई।
आपको बता दें, शिवाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य की स्थापना की थी, जो 17वीं और 18वीं शताब्दी में भारत के एक बड़े हिस्से पर शासन करता था। वे एक कुशल योद्धा और रणनीतिकार थे, जिन्होंने मुगलों सहित कई शक्तिशाली दुश्मनों को हराया था। शिवाजी महाराज ने अपने राज्य में कई सामाजिक और आर्थिक सुधार किए। उन्हें आज भी भारत में एक नायक और प्रेरणा के स्रोत के रूप में सम्मानित किया जाता है।
छत्रपति शिवाजी महाराज ने कई बड़े काम किए
1646 में उन्होंने तोरणा किले पर कब्जा करके अपनी पहली बड़ी जीत हासिल की थी। इसके बाद सन 1656 में उन्होंने प्रतापगढ़ किले में बीजापुर के सेनापति अफजल खान को बाघनख से मार डाला था। 1665 में उन्होंने पुरंदर की संधि पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत मुगलों ने मराठा राज्य को स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता दी। आखिर में 1674 में उन्हें रायगढ़ में छत्रपति (सम्राट) के रूप में ताज पहनाया गया था। शिवाजी महाराज की 1680 में 3 अप्रैल को उनका निधन हो गया। पर क्या आप जानते हैं छत्रपति शिवाजी महाराज की 8 पत्नियां थीं। आइए जानते हैं इनसे जुड़ी कुछ बातें..
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पहली शादी 14 मई 1640 में महारानी सईबाई निंबालकर के साथ हुई थी। सईबाई को शिवाजी की सबसे पहली और मुख्य पत्नी होने का दर्जा मिला था। जिससे उन्हें 4 संताने हुईं। जो वीर संभाजी महाराज की मां भी हैं। उनकी दूसरी पत्नी का नाम महारानी सोयराबाई मोहिते था, 1660 में शादी हुई थी। जिनसे उन्हें दो संतानें हुईं। तीसरी पत्नी का नाम महारानी सकवारबाई गायकवाड़ था। जिनसे उनकी एक बेटी हुई थी। शिवाजी की चौथी पत्नी की नाम महारानी सगुणाबाई शिर्के था। इनसे भी शिवाजी को एक बेटी हुई थी। पांचवी पत्नी का नाम महारानी पुतलबाई पालकर था। छठवीं का नाम महारानी काशीबाई जाधव, सातवीं पत्नी महारानी लक्ष्मीबाई विचारे थीं और उनकी आठवीं पत्नी का नाम महारानी गुणवंताबाई इंगले था।
शिवाजी महाराज ने अपनी पत्नियों को राज्य के अलग-अलग कार्यों में अहम भूमिका निभाने दी। उनकी पत्नियां शिक्षित और कुशल महिलाएं थीं। उन्होंने शिवाजी महाराज के शासन में खास योगदान दिया। शिवाजी महाराज ने 8 शादियां क्यों की थीं, इसके पीछे कई कारण थे। इनमें राजनीतिक, रणनीतिक, व्यक्तिगत और सामाजिक कारण शामिल थे।
मराठा सरदारों को एकजुट करना
शिवाजी महाराज मराठा सरदारों को एकजुट करके एक मजबूत मराठा साम्राज्य बनाना चाहते थे। उन्होंने कई मराठा सरदारों की बेटियों से शादी करके उनसे संबंध स्थापित किए और उन्हें अपने साथ लाने में सफल रहे।
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शिवाजी महाराज को अपने साम्राज्य को कई शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करने के लिए अलग-अलग राज्यों के साथ गठबंधन बनाने की जरूरत थी। उन्होंने अलग-अलग राज्यों की राजकुमारियों से शादी करके राजनीतिक गठबंधन किए। साथ ही साथ शिवाजी महाराज एक वारिस चाहते थे जो उनके साम्राज्य को आगे बढ़ा सके। शिवाजी महाराज उस समय के सामाजिक मानदंडों का पालन करते थे, जिसमें बहुविवाह स्वीकार्य था। शिवाजी महाराज का जीवन काफी जटिल था और उनके 8 शादियों के पीछे के सभी कारणों को पूरी तरह से समझना मुश्किल है।
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