हमने अपने घरों में दादी, नानी और मम्मी को अक्सर व्रत रखते देखा है। वे लोग धार्मिक आस्था से व्रत रखते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि उनके शरीर को इससे कितना फायदा पहुंचता होगा। उपवास या व्रत का मतलब है, जब आप एक निर्धारित समय सीमा के लिए खाना नहीं खाते हैं।
हाल के वर्षों में, उपवास कैलोरी इंटेक कम करने के लिए नहीं रखा जाता, बल्कि यह आपको इसके अलावा कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। वजन घटाने से लेकर बेहतर मेटाबॉलिज्म और लॉन्गेविटी तक, व्रत रखने को एक शक्तिशाली प्रैक्टिस की तरह देखा जाता है।
एक्सपर्ट की मानते हैं कि इससे आपको कई हेल्थ बेनिफिट्स हो सकते हैं। जानी-मानी न्यूट्रिशनिस्ट अंजली मुखर्जी के मुताबिक, "व्रत रखने से आपके पाचन तंत्र को आराम मिलता है, जिससे हमारे शरीर को अपनी सारी ऊर्जा को अन्य महत्वपूर्ण काम करने में मदद मिलती है। इससे शरीर को डिटॉक्सिफाई होने में भी मदद मिलती है।" फास्ट रखने से हमें क्या फायदे मिलते हैं, आइए इस आर्टिकल में जानें।
फास्टिंग क्या है?
फास्टिंग कई रूपों में की जाती है। इसमें इंटरमिटेंट से लेकर कई दिनों रखा जाने वाला फास्ट शामिल है। इंटरमिटेंट फास्टिंग के सामान्य तरीकों में 16/8 विधि शामिल है, जहां व्यक्ति 16 घंटे तक उपवास करता है और 8 घंटे के भीतर खाना खाते हैं। इसके अलावा, 5:2 विधि होती है, इसमें सप्ताह में पांच दिन सामान्य रूप से खाना और दो दिन तक कैलोरी इंटेक बंद कर दिया जाता है।
क्या हैं फास्टिंग के फायदे?
फास्टिंग करने से आपकी मेटाबॉलिक हेल्थ पर सकारात्मक असर पड़ता है। इतना ही नहीं, यह इंसुलिन सेंसिटिविटी, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल के लेवल्स को कम करने के लिए भी उपवास रखा जाना चाहिए। इंसुलिन लेवल्स को बढ़ाकर और फैट बर्निंग को प्रमोट करके, फास्टिंग करने से वेट लॉस काफी मदद मिलती है। इंटरमिटेंट फास्टिंग की बात करें, तो इससे गट हेल्थ और पेट की कई समस्याओं से राहत मिल सकती है।
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हेल्दी कॉम्प्लेक्स समस्याओं से दूर रखती है फास्टिंग
डाइजेस्टिव लोड हो सकता है कम
जब हम व्रत रखते हैं, तो इस दौरान हमारे पेट में कुछ भी नहीं जाता है। इसका मतलब होता है कि हमारा पाचन तंत्र आने वाले पोषक तत्वों को तोड़ने और संसाधित करने के लिए लगातार काम नहीं कर रहा है। पाचन से यह ब्रेक पेट, पैनक्रियाज, लिवर और आंतों जैसे पाचन अंगों को आराम करने और लगातार काम के बोझ से उबरने में मदद करता है।
एनर्जी का होता है रीडिस्ट्रिब्यूशन
पाचन के लिए महत्वपूर्ण मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता होती है। व्रत रखने से हमारे पाचन तंत्र को आराम देकर, हमारा शरीर इस ऊर्जा को अन्य आवश्यक कामों में जैसे सेलुलर रिपेयर, रिजनरेशन और इम्यूनिटी सिस्टम के काम को रिडायरेक्ट करता है। एनर्जी जब पूरे शरीर में बेहतर तरीके से पहुंचती है, तो इससे पूरे शरीर का काम बढ़ता है और बेहतर स्वास्थ्य पाने में मदद मिल सकती है।
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जलन, सूजन और दर्द हो सकता है कम
कुछ लोगों को पेट जलने, दर्द या सूजन की समस्या होती है। कई बार शरीर में क्रॉनिक इंफ्लेमेशन के कारण ऑटोइम्यून बीमारियों, हृदय रोग या कैंसर हो सकता है। व्रत रखने से इंफ्लेमेशन मार्कर कम हो सकते हैं। इससे कई बीमारियां कम हो सकती है।
शरीर से विषाक्त पदार्थ हो सकते हैं बाहर
हमारे शरीर से टॉक्सिन्स नेचुरली बाहर निकलते हैं। लिवर और गुर्दे टॉक्सिन्स को निकालने का काम करते हैं। फास्टिंग से इस प्रोसेस को बढ़ाया जा सकता है। हम लोग खाने के माध्यम से भी ऐसी चीजों का सेवन करते हैं, जो हमारे लिए नुकसानदेह होती हैं। फास्टिंग ऐसे पदार्थों के प्रवाह को कम करके इस प्रक्रिया को बढ़ा सकता है। इससे डिटॉक्सिफेकशन में सुधार हो सकता है और आपकी गट हेल्थ बेहतर हो सकती है।
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सेल्स को मिलती है रिपेयर होने में मदद
फास्ट रखने से ग्रोथ हार्मोन के उत्पादन में तेजी आती है। फास्टिंग, सेलुलर रिजनरेशन और रिपेयर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पाचन तंत्र को मिलने वाले आराम से, शरीर क्षतिग्रस्त टिश्यू की मरम्मत करता है और आपके ऑर्गन्स को आराम से काम करने में मदद मिल सकती है। यह ओवरऑल हीलिंग को बढ़ावा देता है।
अब आप बताइए क्या आपको फास्ट रखने से होने वाले इन फायदों के बारे में पता था? अगर इस लेख को लेकर आपके कोई सवाल हैं, तो हमें लिख भेजिए। अगर फास्टिंग से आपको अपने शरीर में बदलाव महसूस हुए हैं, तो हमें वो भी कमेंट करके बताएं। अगर यह लेख आपको पसंद आया, तो इसे लाइक करें और फेसबुक पर शेयर करें। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
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