अगर विटामिन-डी लेवल हो रहा है कम तो इन चीज़ों को बिल्कुल ना करें इग्नोर

अगर आपके शरीर में विटामिन-डी लेवल कम हो रहे हैं तो आपके शरीर में ये बदलाव दिखेंगे और ये जरूरी है कि ऐसे समय पर आप डॉक्टर से बात करें। 

Shruti Dixit
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आजकल अगर किसी विटामिन की कमी शरीर में सबसे ज्यादा है तो वो है विटामिन-डी। अधिकतर लोगों को इस तरह की समस्याएं फेस करनी पड़ती हैं और सिर्फ विटामिन-डी की कमी से ही शरीर में दर्द, अलग-अलग तरह की समस्याएं, हड्डियों से जुड़ी बीमारियां होने लगती हैं और ऐसे में विटामिन-डी की कमी के बाद कुछ खास लक्षण भी दिखने लगते हैं।

विटामिन-डी हमेशा हड्डियों की हेल्थ से जुड़ा होता है और स्किन उसे अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन के दौरान हुए केमिकल रिएक्शन से बनाती है। विटामिन-डी से ही हड्डियों की ग्रोथ होती है और वो कैल्शियम और फास्फोरस लेवल को ठीक रखता है। ये इंसुलिन सिंथेसिस और इम्यून सिस्टम फंक्शन के लिए बहुत जरूरी होता है। सेल ग्रोथ, मसल फंक्शन, जलन आदि भी इससे रोके जा सकते हैं। क्योंकि ये इतने सारे फंक्शन करता है इसलिए इसके लो लेवल से शरीर में कई बीमारियां भी हो सकती हैं।

डायटीशियन और होलिस्टिक न्यूट्रिशनिस्ट और डाइट पोडियम की फाउंडर शिखा महाजन से हमने बात की और इस बारे में और जानने की कोशिश की। उन्होंने विस्तार से हमें विटामिन-डी की कमी और उससे जुड़ी शरीर की बीमारियों के बारे में बताया।

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हड्डियों में दर्द-

कई बार हमारे शरीर में होने वाले दर्द की असली वजह हड्डियां ही होती हैं और अगर विटामिन-डी की कमी का बहुत खराब केस है तो ये हड्डियों के दर्द की समस्या बन सकता है। बच्चों को होने वाली बीमारी Rickets इसकी वजह से होता है और वयस्कों में ये osteomalacia का कारण बन सकता है। ऐसे में आपको ये ध्यान देना है कि आपको होने वाला रेगुलर दर्द कहीं विटामिन-डी की कमी से तो नहीं हो रहा और ये लगातार अगर बढ़ रहा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

थकान-

विटामिन-डी एक ऐसा विटामिन है जो एनर्जी प्रोडक्शन करता है और शरीर में अगर ये सही मात्रा में नहीं होता तो आप थोड़ा थका हुआ महसूस करेंगे और आपका पूरा दिन ऐसे ही बीतेगा। ऐसे में चलना-फिरना, काम करना मुश्किल होता जाएगा। आपको आपके व्यवहार में बदलाव भी महसूस होने लगेगा और ये खराब होगा। ये आपकी पूरी जनरल हेल्थ पर असर डाल सकता है। ऐसे में आपके लिए ये जरूरी है कि आप अपना काम ठीक तरह से करें और अगर आपको लगातार थका हुआ महसूस हो रहा है तो विटामिन-डी को बढ़ाने की कोशिश जरूर करें।

इसके लिए हेल्दी डाइट लेने के साथ-साथ विटामिन-डी सप्लीमेंट का सहारा भी लिया जा सकता है, लेकिन ऐसा करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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नींद की कमी-

विटामिन-डी की समस्या नींद पर भी असर डाल सकती है और विटामिन-डी और स्लीप एप्निया तो बहुत ही ज्यादा रिलेटेड हैं। आपकी नींद की समस्या का असल कारण विटामिन-डी हो सकता है और ये खतरनाक कंडीशन होगी जिससे आगे चलकर शरीर में अन्य समस्याएं आ सकती है। ये एक बहुत खतरनाक कंडीशन है जो दिमाग में ऑक्सीजन के फ्लो को रोकती है और शरीर के अन्य हिस्सों में भी।

ऐसे में ये बहुत जरूरी है कि आप अपनी इस कंडीशन का इलाज करवाएं और इस लक्षण को तो बिल्कुल इग्नोर ना करें।

बालों का झड़ना-

विटामिन-डी की कमी से बालों का झड़ना भी हो सकता है और ऐसे में आपके लिए ये जरूरी है कि आप विटामिन-डी लेवल्स का ध्यान रखें। थोड़ा बहुत हेयर लॉस ठीक है, लेकिन अगर हेयर लॉस जरूरत से ज्यादा बढ़ गया है तो आपको ध्यान रखना होगा कि एक बार डॉक्टर की सलाह इस केस में जरूरी हो जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि सिर्फ विटामिन-डी की कमी ही आपको अन्य बीमारियों की तरफ घसीट सकती है तो जरूरत से ज्यादा हेयर फॉल को इग्नोर ना करें।

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बार-बार बीमार पड़ना-

भले ही छोटी से छोटी बीमारी हो, लेकिन बार-बार अगर आपको कोई चीज़ परेशान कर रही है तो उसे इग्नोर ना करें और डॉक्टर को दिखाएं। विटामिन-डी की कमी से सीजनल बीमारियां भी बहुत तेज़ी से बढ़ती हैं और हो सकता है कि आपकी समस्या का असली कारण विटामिन-डी ही हो।

आपके लिए अपनी हेल्थ कंडीशन के हिसाब से उचित डॉक्टरी सलाह लेना बहुत जरूरी है। कोई चीज़ अगर किसी एक इंसान को सूट करती है तो जरूरी नहीं है कि वो दूसरे को भी सूट करे इसलिए अपनी बीमारी को ज्यादा ना बढ़ने दें। विटामिन-डी के लेवल को ठीक करने के लिए एक्सपर्ट की सलाह लें।

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