आपकी कुंडली में ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को कई तरह से दूर किया जा सकता है। ऐसे में रत्न धारण करना भी एक अच्छी युक्ति माना जाता है। किसी भी समस्या को आप अलग-अलग रत्नों से सुलझा सकते हैं।
आपकी शादी में देरी से लेकर, नौकरी में आने वाली अड़चनों तक, धन हानि से लेकर कर्ज मुक्ति के लिए ज्योतिष आपको अलग रत्न धारण करने की सलाह देता है। समस्याओं का समाधान रत्नों की अच्छी ऊर्जा से मिल सकता है।
यही नहीं यदि आपके घर में पितृ दोष है तब भी आप कुछ विशेष रत्नों को धारण कर सकते हैं और पूर्वजों को प्रसन्न कर सकते हैं। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी जी से जानें पितृ दोष से मुक्ति के लिए आपको कौन से रत्न धारण करने चाहिए और इससे आपके जीवन में क्या सकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं।
कुछ विशेष लाभकारी ग्रहों को मजबूत करने और पितृ दोष के प्रभाव को कम करने के लिए उचित रत्न धारण करना चाहिए।
क्या होता है पितृ दोष
पितृ दोष वास्तव में पूर्वजों का कर्म ऋण होते हैं जिनकी वजह से वंशजों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ,इसके साथ ही कई बार आपके पितर आपके किसी कुकृत्य से नाराज होते हैं जिसकी वजह से पितृ दोष लग सकता है और आपको कई तरह के नकारात्मक प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है। पितृ दोष कुंडलीवाले व्यक्ति को इसके नकारात्मक प्रभावों का सामना जरूर करना पड़ता है और इससे उन्हें अलग तरह के नुकसान हो सकते हैं।
कई बार पितृ दोष तब भी लगता है जब आपके पूर्वज ने कोई गलती की हो और उसका प्रायश्चित न कर पाया हो। ऐसे में जातक की कुंडली में पितृ दोष लग जाता है। किसी भी व्यक्ति की जन्म कुंडली में नौवें घर को पिता, पूर्वजों, भाग्य और धन के घर के रूप में भी जाना जाता है। पितृ दोष का संकेत विभिन्न ग्रहों की स्थिति के साथ-साथ इस घर में सूर्य और राहु की युति से होता है।
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पितृ दोष के लक्षण एवं कारण
पितृ दोष के प्रभाव के कारण व्यक्ति को जीवन में कुछ ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जिसकी उम्मीद न हो। ऐसे में आपके जीवन में कई चुनौतियां आ सकती हैं और जीवन में उतार-चढ़ाव बने रह सकते हैं। पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति की सेहत में भी समस्याएं बनी रहती हैं। यही नहीं ऐसे में संतान की सेहत भी खराब बानी रहती है।
पितृ दोष से मुक्ति के लिए कौन से रत्न धारण करने चाहिए
पितृ दोष से बचने के लिए एक सबसे अच्छा उपाय रत्नों को धारण करना है। ऐसे में आपको माणिक रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है जिससे आपको बहुत लाभ हो सकते हैं और पितृ दोषों से मुक्ति मिलती है। यह एक ऐसा रत्न है जो आंतरिक शक्ति को बढ़ा कर आपके अंदर से सारी नकारात्मक ऊर्जा को ख़त्म करने में मदद करता है और सकारात्मक लाभ देता है।
पितृ दोष के प्रभाव को कम करता है पुखराज
आपकी कुंडली में पितृ दोष जैसे किसी भी प्रभाव को कम करने के लिए पीला पुखराज धारण करने की सलाह दी जाती है। यह पुखराज जातक के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है और इसके प्रभाव से कुंडली में पितृ दोष को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
पीला पुखराज गुरु बृहस्पति का रत्न माना जाता है और इसे धारण करने से आपको पितृ दोष से मुक्ति मिलने के साथ बृहस्पति को मजबूत करने में भी मदद मिलती है। हालांकि पुखराज एक ऐसा रत्न है जो कोई भी धारण नहीं कर सकता है और इसे पहनने से पहले ज्योतिष एक्सपर्ट की सलाह जरूर लेनी चाहिए। पितृ दोषों से मुक्ति के लिए आप भी ज्योतिष एक्सपर्ट की सलाह से इसे धारण कर सकते हैं। ज्योतिष में इसे तर्जनी उंगली में धारण करने की सलाह दी जाती है।
यदि जन्म कुंडली में पितृ दोष है तो रूबी धारण करें
रूबी रत्न सूर्य को मजबूत कर सकता है और पितृ दोष के दौरान अशुभ ग्रहों के बुरे प्रभावों को समाप्त कर सकता है। इसे सोने या तांबे की अंगूठी में जड़वाकर रविवार के दिन अनामिका उंगली में धारण करने की सलाह दी जाती है।
पितृ दोषों से मुक्ति के लिए रूबी को गंगा जल से पवित्र करें और सूर्य मंत्र का 108 बार करें। इसे पहनने के बाद अधिकतम लाभ पाने के लिए किसी गरीब व्यक्ति को लाल अनाज का दान करें और सूर्य को जल चढ़ाएं। इस रत्न को पवित्र करने से बचे हुए गंगा जल को पौधों में या किसी बहती धारा में बहा दें। इससे इस रत्न का पूर्ण लाभ मिलता है और पितृ दोषों से मुक्ति के द्वार खुलते हैं।
यदि आप यहां बताए गए रत्नों को धारण करते हैं तो पितृ दोषों से मुक्ति के द्वार खुलते हैं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। ऐसे अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ। अपने विचार हमें ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
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