जिन लोगों को मीठा खाने का शौक है उन्होंने गुड़ जरूर ट्राई किया होगा। गोल्डन ब्राउन कलर का गुड़ मुंह में पिघलता हुआ प्रतीत होता है और बहुत ही स्वादिष्ट होता है। टेस्टी होने के अलावा गुड़ के कई स्वास्थ्य लाभ हैं और यह रिफाइंड चीनी का भी एक बेहतरीन विकल्प है।
गुड़ के अनगिनत लाभों के कारण वर्षों से बड़े पैमाने पर इसका उपयोग किया जा रहा है। आयुर्वेद में गुड़ के व्यापक उपयोग के कारण इसे 'औषधीय शुगर' भी कहा जाता है। इसे गन्ने के पौधे "सैकरम ऑफिसिनारम" से प्राप्त गन्ने के रस को संसाधित या उबालकर तैयार किया जाता है।
गुड़ में विभिन्न पोषक तत्व होते हैं। इसमें विटामिन्स, मिनरल्स, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट जैसे सेलेनियम, विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई आदि शामिल होते हैं। सर्दियों में इम्यून सिस्टम को मजबूती देने के कारण गुड़ के फायदे बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं। वास्तव में शुद्ध गुड़ हर घर में अवश्य होना चाहिए।
हालांकि, गुड़ सफेद चीनी का एक बेहतरीन विकल्प है लेकिन गुड़ के गुणों को समझना महत्वपूर्ण है। यह जानकारी आयुर्वेदिक एक्सपर्ट और हेल्थ कोच डॉ वरलक्ष्मी के इंस्टाग्राम के माध्यम से शेयर की है। अगर आप भी गुड़ का सेवन करती हैं तो इन 3 बातों के बारे में जरूर जान लें।
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1. हमेशा 1 साल पुराने गुड़ का इस्तेमाल करें
पुराना गुड़ के नए गुड़ की तुलना में बहुत सारे हेल्थ बेनिफिट्स होते हैं। यह हल्का होता है, नाड़ियों को अवरुद्ध नहीं करता है और ब्लड को शुद्ध करता है। जबकि नए गुड़ में विपरीत गुण होते हैं और यह कृमि संक्रमण या आंत के डिस्बिओसिस और कफ असंतुलन जैसे सर्दी, खांसी का कारण बनता है।
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पुराने गुड़ का इस्तेमाल कई आयुर्वेदिक औषधियों को बनाने में किया जाता है। यह लिवर और स्प्लीन कंडीशन्स में लाभकारी है। यह दिल के लिए अच्छा और वात को संतुलित करता है।
पुराने गुड़ का स्वाद थोड़ा नमकीन और रंग थोड़ा गहरा होता है। ज्यादा नमकीन नहीं होने का मतलब यह हो सकता है कि यह मिलावटी है।
2. गुड़ और दूध को साथ में नहीं लेना चाहिए
हां दूध के साथ गुड़ अच्छा नहीं लगता है। दूध और गुड़ में विपरीत गुण होते हैं क्योंकि गुड़ गर्म होता है जबकि दूध ठंडा होता है।
जबकि गुड़ लाभों से भरा होता है और इसमें विटामिन, फास्फोरस, आयरन, मैग्नीशियम और पोटेशियम होता है, दूध के साथ इसका कॉम्बिनेशन हानिकारक हो सकता है।
3. गुड़ की शुद्धता
यह समझना जरूरी है कि बाजार में मिलने वाले हल्के रंग का गुड़ आमतौर पर शुद्ध नहीं होता है। सोडियम बाइकार्बोनेट और कैल्शियम कार्बोनेट जैसे योजक गुड़ में हल्का रंग लाते हैं। गोल्डन ब्राउन या डार्क ब्राउन कलर का गुड़ शुद्ध बताया गया है।
प्योरिटी टेस्ट
गुड़ का एक छोटा टुकड़ा लें और इसे एक गिलास पानी में डालें। अगर गुड़ के अंदर चॉक पाउडर है तो वह गिलास के तले में बैठ जाता है।
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गुड़ के गुण
गुड़ के कई गुण पाए गए हैं-
- यह एक विष-रोधी एजेंट के रूप में काम कर सकता है।
- इसमें एंटी-नियोप्लास्टिक गुण होते हैं।
- इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण हो सकते हैं।
- इसका decongestant प्रभाव हो सकता है।
अब तो आपको गुड़ से जुड़ी बातों की जानकारी मिल गई हैं। अगर आपको भी हेल्थ से जुड़ी कोई समस्या है तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं और हम अपनी स्टोरीज के जरिए इसका हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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