आंवला का सेवन लगभग हर घर में किया जाता है। लोग अचार से लेकर चटनी तक कई तरीकों से खाते हैं। वैसे विटामिन सी रिच आंवला खाने में ही टेस्टी नहीं होता है, बल्कि इसके हेल्थ बेनिफिट्स भी कम नहीं है। इसके गुणों के कारण ही आयुर्वेद में आंवला का उल्लेख किया गया है।
आंवला का सेवन करने से पाचन समस्याओं से लेकर बालों के झड़ने, अस्थमा आदि कई परेशानियों में राहत मिलती है। हालांकि, बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि अगर आप आंवला का सेवन करते हैं तो इससे ब्लड शुगर लेवल को रेग्युलेट करने में मदद मिलती है। यही कारण है कि डायबिटीज पेशेंट के लिए आंवला का सेवन बेहद ही फायदेमंद माना गया है। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको बता रही हैं कि आंवला डायबिटीज पेशेंट को किस तरह लाभ पहुंचाता है-
एंटीऑक्सीडेंट गुण
आंवला में विटामिन सी और पॉलीफेनोल्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट (एंटीऑक्सीडेंट रिच फूड) प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं। इसलिए, जब आप आंवला को अपनी डाइट का हिस्सा बनाते हैं तो यह शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद कर सकता है। यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस इन्फ्लेमेशन और डायबिटीज से जुड़े कॉम्पलिकेशन को बढ़ा सकता है।
ब्लड शुगर को करे कण्ट्रोल
डायबिटीज पेशेंट के लिए आंवला इसलिए भी अच्छा है, क्योंकि यह ब्लड शुगर लेवल को कण्ट्रोल करने में अहम् भूमिका निभा सकता है। दरअसल, कुछ स्टडीज में यह पता चला है कि आंवले में हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव हो सकता है। हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव का अर्थ है कि यह ब्लड शुगर को लो करता है। इस तरह आंवला का सेवन करने से आपको ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने और इंसुलिन सेंसेटिविटी को इंप्रूव करने में मदद मिल सकती है।
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इंप्रूव होता है पैनक्रियाज फंक्शन
आपको शायद पता ना हो, लेकिन आंवला पैनक्रियाज के फंक्शन को भी इंप्रूव करता है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि आंवला पैनक्रियाज पर एक प्रोटेक्टिव इफेक्ट डाल सकता है। पैनक्रियाज वास्तव में इंसुलिन उत्पादन के लिए जिम्मेदार अंग है। इसलिए, डायबिटीज पेशेंट को आंवला खाने से लाभ मिलता है और यह ब्लड शुगर को कण्ट्रोल करने में मदद कर सकता है।
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एक्सपर्ट की राय
ट्राइग्लिसराइड लेवल को करे कम
आंवले में विटामिन-सी और फाइबर (फाइबर डाइट टिप्स) प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यह एचडीएल यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और एलडीएल मतलब खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। चूंकि आंवला के सेवल से एचडीएल बढ़ता है, जिससे ब्लड स्ट्रीम में ट्राइग्लिसराइड का लेवल कम हो जाता है। ट्राइग्लिसराइड का लेवल अधिक होने से इंसुलिन रेसिस्टेंस और मोटापा हो सकता है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।
मेटाबॉलिज्म को करे इंप्रूव
आंवला में कुछ ऐसे गुण पाए जाते हैं कि इसके सेवन से मेटाबॉलिज्म पर भी पॉजिटिव असर पड़ता है। यह उसे इंप्रूव करने में मददगार हो सकता है। जिसके कारण ग्लूकोज शरीर में प्रभावी तरीके से उपयोग में मदद मिलती है। इस तरह अतिरिक्त शुगर ब्लड स्ट्रीम में जमा नहीं होती है, जिससे डायबिटीज पेशेंट को फायदा मिलता है।
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