अमृतसर का एक ऐसा सफर जिसने बदल दिया मेरे जीवन का दृष्टिकोण

यात्रा करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है। इसलिए मानसिक शांति के लिए ब्रेक लेना बहुत जरूरी है। 

 
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Amritsar Trip changed my life and its perspective ()

(Amritsar trip changed my life and its perspective) हम लगातार अपनी कहानी और अपने सपनों को पूरा करने के लिए आगे रहने की कोशिश में लगे रहते हैं। ऐसे में कभी-कभी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ के बीच संतुलन बनाना बेहद मुश्किल सा हो जाता है और काम में रुकावटें भी आने लग जाती है और मानसिक परेशानियां भी बढ़ने लग जाती है। इसलिए इन सभी चीजों को दूर करने के लिए सबसे उत्तम यात्रा मानी जाती है। इस बार मैंने स्वर्ण नगरी अमृतसर जाने का प्लान बनाया। मुझे इस बात की सबसे ज्यादा खुशी हुई कि मैंने ब्रेक लिया, हालांकि मुझे कभई नहीं पता था कि इस यात्रा से मुझे मानसिक शांति मिल सकती है। 

अमृतसर यानी कि सुनहरे शहर की मेरी यह यात्रा इतना अच्छी थी कि मुझे यहां मानसिक शांति का अनुभव होता है। वहीं, मैं धार्मिक रूप से हिंदू हूं, लेकिन मुझे इस जगह से प्यार हो गया। स्वर्ण मंदिर यानी कि श्री हरिमंदिर साहिब न केवल सिखों का एक केंद्रीय धार्मिक स्थान है, बल्कि मानव भाईचारे और समानता का प्रतीक भी है। 

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गोल्डन टेंपल दुनिया भर के तीर्थयात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। जब भी इस भव्य शुद्ध सोने का गुंबद रोशन होता है, तो यह और भी अधिक खुबसूरत नजर आता है। गुंबद के अलावा, मंदिर की सबसे अविश्वसनीय विशेषता यह है कि यहां लंगर तीर्थयात्रियों और जरूरतमंदों को मुफ्त में प्रदान किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में दुनिया की सबसे बड़ी मुफ्त सामुदायिक रसोई है। यहां लगभग 100,000 लोगों को खाना खिलाया जाता है। यहां के रसोईघर की सबसे खास यह है कि यहां कोई भी सेवा कर सकता है। 

अगर पर्सनल एक्सपीरियंस शेयर करूं, तो यहां इतना सुकून मिलता है, मानो सारे दुख दूर हो गए हो। अगर आप मानसिक रूप से परेशान हैं, तो आपको यहां जरूर आना चाहिए। यहां आकर सेवा करें। इसके अलावा अगर आपके समय अधिक है, तो स्वर्ण मंदिर दो बार देखने लायक है। एक दिन में और एक रात्रि में। आप सुबह 6-7 बजे के समय जाए, जब सूर्य की किरणें सीधे सोने के गुंबद पर पड़ती है। तब वह देखने को और भी अधिक सुंदर लगता है। साथ ही अगर आप रात्रि में गोल्डन टेंपल देखने जा रहे हैं, तो 8-9 बजे के बीच जाएं। इस दौरान आपको भीड़ भी कम मिलेगी और उस समय का नजारा बहुत सुंदर होता है। यह टेंपल 24 घंटे खुला रहता है। आप कभी भी जा सकते हैं। 

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स्वर्ण मंदिर की यात्रा मुझे खुद को खोजने और अपने विचार को याद करने में मदद मिली। इस यात्रा ने मेरे जीवन को सकारात्मक रूप से बदल दिया। अगर आप भी शांति की तलाश में हैं, तो यहां जरूर आएं। लगातार भागदौड़ भरी जिंदगी के साथ, हम अक्सर खुद को भूल जाते हैं और कुछ चीजों को इस ढंग से देखते हैं, जो पर्याप्त नहीं है। इस यात्रा ने मुझे यह सीख दिया कि जीवन में खुद के लए ब्रेक लेना बहुत जरूरी है। 

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Image Credit - Manisha Verma

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